Navratri Kanya Pujan 2021 | नवरात्रि पर कन्या पूजन 2021

Navratri Kanya Pujan 2021
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नवरात्रि पर कन्या पूजन 2021

चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल, 2021 को शुरू होती है और 21 अप्रैल, 2021 को समाप्त होगी। चैत्र नवरात्रि भी वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, जो सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है और हिंदू नव वर्ष के पहले दिन मनाया जाता है। इस वर्ष नवरात्रि पर कन्या पूजन 2021 का पर्व 20 अप्रैल, 2021 (मंगलवार) का मनाया जायेगा। नवरात्रि पर कन्या पूजन कराने की पीछे ये मान्यता है की देवी भक्तो  चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल, 2021 को शुरू होती है और 21 अप्रैल, 2021 को समाप्त होगी।

चैत्र नवरात्रि भी वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, जो सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है और हिंदू नव वर्ष के पहले दिन मनाया जाता है। इस वर्ष नवरात्रि पर कन्या पूजन 2021 का पर्व 20 अप्रैल, 2021 (मंगलवार) का मनाया जायेगा। नवरात्रि पर कन्या पूजन कराने की पीछे ये मान्यता है की देवी के भक्त छोटी कन्याओं को माँ दुर्गा का प्रतिरूप मानते है। जिससे मां प्रसन्न होकर मनचाही मनोकामनाएं को पूरी करदेग।

नवरात्रि कन्या पूजन कैसे करें?

कन्या पूजन एक पवित्र अनुष्ठान है जो अश्विन और चैत्र नवरात्रि दोनों के आठवें और नौवें दिन हिंदुओं द्वारा किया जाता है। इस पूजन में नौ कन्याओं की पूजा होती है। नौ लड़कियां मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह अनुष्ठान अक्सर घर में सभी लड़कियों का स्वागत करके शुरू किया जाता है, और फिर उनके पैर धोने का रिवाज होता है। पैर धोने के बाद लड़कियों को भोग भोजन और उपहार दिए जाते हैं। कन्या पूजन छोटी लड़कियों में निहित स्त्री शक्ति को मनाने के लिए किया जाता है।

नवरात्रि पर कन्या पूजन

नवरात्रि में हम क्यों करते हैं कन्या पूजन?

नवरात्रि नौ दिन तक चलने वाला हिंदू त्योहार है। यह हर साल अप्रैल और अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है जिसे आमतौर पर चैत्र और शारदीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिन पूरी तरह से देवी दुर्गा के नौ अवतारों को समर्पित हैं। कन्या पूजन इसलिए किया जाता है क्योंकि छोटी कन्याओं को माना जाता है कि वह माँ दुर्गा की प्रतिरूप हैं।

हमें कन्या पूजन में क्या देना चाहिए ?

छोटी लड़कियों को देवी दुर्गा की प्रतिकृति माना जाता है। नौ लड़कियां दुर्गा के नौ अवतार का प्रतिनिधित्व करती हैं। कन्या पूजन के अवसर पर लड़कियों का देवी की तरह पूजन किया जाता है। लड़कियों को जल चढ़ाया जाता है और फिर उन्हें शुद्ध घी में बनाया गया भोग प्रसाद प्रदान किया जाता है। प्रसाद में आम तौर पर चना पुरी और हलवा होता है। कुछ लोग देवी दुर्गा को प्रभावित करने के लिए पैसे और कुछ अन्य उपहार भी देते हैं।

Navratri Kanya Pujan 2021

कन्या कुमारी पूजा / कंजक पूजा क्या है?

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हर इंसान के अंदर भगवान होता है। और बच्चे शुद्ध और निर्दोष हैं और इस कारण उन्हें देवी स्वरुप मानकर उनसे प्रार्थना करने से तेजी से परिणाम प्राप्त होते है। यह भी माना जाता है कि कन्या पूजन देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने का एक आसान तरीका है। रिवाज की शुरुआत सभी नौ लड़कियों के पैर धोने से होती है। फिर लोग उनकी आरती करते हैं और तिलक लगाते हैं। फिर लड़कियों को भोजन और पानी दिया जाता है और कुछ लोग उन्हें विदा करने से पहले उपहार और पैसे भी देते हैं।

नवरात्र पर्व पर कन्या पूजन में कितनी हो कन्याओं की उम्र ?

कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर तथा 10 वर्ष तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए | यदि 9 से ज्यादा कन्या भोज पर आ रही है तो कोई आपत्ति नहीं है | साथ मैं एक लंगूर ( १० वर्ष के काम आयु का लड़का) को भी अनिवार्य रूप से कन्या भोज मैं शामिल करना चाहि। ऐसा माना जाता है की लंगूर के बिना माँ का भोग नहीं पूरा होता है।

 नवरात्रि पर कन्या पूजन 2021
 

ऑनलाइन नवरात्रि कन्या पूजा के क्या लाभ हैं?

कन्या पूजन नवरात्रि पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जीवन से सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने के लिए जाना जाता है। यह जीवन में सौभाग्य और धन की प्रचुरता लाता है। यह बुरी ऊर्जाओं को भी नष्ट करता है, इसलिए पूजा की सही विधि का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऑनलाइन मार्गदर्शन आपको अनुष्ठानों के लाभों को अधिकतम करने में मदद करता है। आपको विशेषज्ञों की निगरानी मिलती है और वह पूरी प्रक्रिया के माध्यम से आपका मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

 नवरात्रि पर कन्या पूजन के फायदे

    • धन व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
    • वंश आगे बढ़ता है।
    • शत्रुओं का नाश होता है।
    • दुःख ,रोग व बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 
    • भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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    • नवरात्रि पर कन्या पूजन

नवरात्र में क्यों कराया जाता है कन्या पूजन ?

नवरात्र पर्व के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है. नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्तों का नवरात्र व्रत पूरा होता है। सभी शुभ कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है। कुमारी पूजन से सम्मान,धन, विद्या और तेज प्राप्त होता है।  इससे विघ्न, भय और शत्रुओं का नाश भी होता है। होम, जप और दान से देवी इतनी प्रसन्न नहीं होतीं जितनी कन्या पूजन से होती है।

नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त पूरी भक्तिभाव से माता की उपाचैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल, 2021 को शुरू होती है और 21 अप्रैल, 2021 को समाप्त होगी। चैत्र नवरात्रि भी वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, जो सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है और हिंदू नव वर्ष के पहले दिन मनाया जाता है। इस वर्ष नवरात्रि पर कन्या पूजन २०२१ का पर्व २० अप्रैल, २०२१ (मंगलवार) का मनाया जायेगा। 

नवरात्रि पर कन्या पूजन कराने की पीछे ये मान्यता है की देवी भक्तो की ये धरना है की बल कन्या में देवी के स्वरूप की पूजा करते है तत्पचात कन्या भोजन की माध्यम से माँ को भोज भी समर्पित करते है। जिससे मां प्रसन्न होकर मनचाही मनोकामनाएं को पूरी करदेग। सना करते हैं परन्तु नवरात्रि पूजन और व्रत तभी संपन्न माने जाते हैं, जब अंतिम दिन कन्या पूजन किया जाए।नवरात्र के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। कन्या पूजन के रूप में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों को नौ कन्याओं के रूप में पूजा जाता है। भक्त अपने सामर्थ अनुसार कन्याओं को भोग लगाकर दक्षिणा प्रदान करते है।

नवरात्रि पर कन्या पूजन 2021 के बाद ही नवरात्र की पूजा को सफल माना जाता है। कन्या पूजन से माँ दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती है तथा अपने भक्तों के सभी दुःख हर लेती है। नवरात्र के आखरी दो दिन यानि अष्टमी और नवमी  को कन्याओं के नौ रूप मान कर कन्याओं की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार एक बार माता वैष्णों देवी ने अपने परम भक्त पंडित श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर उनकी न सिर्फ लाज बचाई थी बल्कि पूरी सृष्टि को अपने होने का अस्तित्व भी दिया है।

आप यहाँ भी पढ़ सकते हैं : दुर्गा चालीसा पाठ

 

 

 

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